बड़ी ही गर्मजोशी से उन्होंने 'ईद मुबारक' कहकर प्लेट पकड़ा दी और शाम को घर आने की दावत भी बड़ी ही गर्मजोशी से उन्होंने 'ईद मुबारक' कहकर प्लेट पकड़ा दी और शाम को घर आने की ...
सेवइयों सा रिश्तों में मिठास लाए ईदी पर।। सेवइयों सा रिश्तों में मिठास लाए ईदी पर।।
त्यौहार में अपूर्णता क्यों है, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा था त्यौहार में अपूर्णता क्यों है, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा था
उसको मजहब से कोई सरोकार जो ना था उसको मजहब से कोई सरोकार जो ना था
तबस्सुम चौक गई-"क्या कल ईद है?अरे यार मैं तो बिल्कुल ही भूल गई। तबस्सुम चौक गई-"क्या कल ईद है?अरे यार मैं तो बिल्कुल ही भूल गई।
गुरुकुल में बाबूजी के अनुभव की रोचक कहानी .. १९४७ की गुरुकुल में बाबूजी के अनुभव की रोचक कहानी .. १९४७ की